Thursday 14 April 2016

आँवले के फ़ायदे जानकर आप हैरान हो जायेंगे ।


आँवले में सारे रोगों को दूर करने की शक्ति है। आँवला युवकों को योवन प्रदान करता है और बूढों को युवा जैसी शक्ति। गर्मियों में चक्कर आते हों, जी घबराता हो तो आँवले का शर्बत पीयें। दिल धड्कता हो तो आँवले का मुरब्बा खायें। आँवले मे विटामिन 'सी' सबसे अधिक होता है । मनुष्य को प्रतिदिन 50 मिलीग्राम विटामिन 'सी' की आवश्यकता होती है जो 1.6 औंस आँवले के रस में मिल जाता है। एक आँवला, दो सन्तरे के बराबर होता है। दाँतो और मसुड़ों को आँवला कठोर बनाता है। शरीर में आरोग्य शक्ति बढ़ाता है। आँवले का मुरब्बा ताकत देनें वाला होता है। गर्भवती के लिए हितकर है। एक अच्छा आँवला एक अण्ड़े से अधिक बल देता है। मस्तिष्क , ह्र्द्य की बैचेनी, धड़कन, मेदा, तिल्ली, रक्तचाप (ब्लड़प्रेशर) दाद में आँवला लाभदायक है। आँवला शक्ति और स्वास्थ्यवर्धक , है। सूखे आँवले का गुण टूटी हड्डी जोड़ने वाला, धातुवर्धक नाशक है। इसे रात को सोते समय दस ग्राम आँवले का चूर्ण, पच्चीस ग्राम शहद मिलाकर लेना चाहिए। इसे चटनी, कच्चा आचार, शर्बत, मुरब्बा किसी भी तरह प्रयोग करना चाहिए।

उपाय-

गर्मी से बचाव: गर्मी मे आँवले का शर्बत पीनें से बार-बार प्यास नहीं लगती है और गर्मी में होंने वाले रोगों से बचाता है।

बच्चों का हकलाना:  बच्चों का हकलाना, तुतलाना आँवला चबाने से सही हो जाता है। और बच्चे साफ़ बोलने लगते है।

बिस्तर में पिशाब करना: कोई-कोई बालाक बिस्तर मे पिशाब कर देता है। यह एक रोग है जिसका इलाज कराने से सही हो सकता है। एक ग्राम पिसा हुवा आँवला , एक ग्राम पिसा हुआ काला जिरा और दो ग्राम पीसी हुई मिसरी मिलाकर ले लेंवें। ऊपर से ठ्ण्डा पानी पियें । बिस्तर पर पिशाब करना बन्द हो जायेगा।

पथरी: आँवले का चुर्ण मूली के साथ लेने से मूत्राशय की पथरी मे लाभ होता है ।

खूनी बवासीर: सूखे आँवले को बारिक पीसकर एक चाय चम्मच सुबह - शाम दो बार छाछ या गाय के दूध से लेने से खूनी बावासीर में लाभ होता है। 


पेशाब मे जलन:  हरे आँवले का रस एक छटाँक, शक्कर या शहद आधा छ्टाँक थोड़ा पानी मिलाकर सुबह - शाम पीयें । यह एक खुराक का तोल है। इससे पेशाब खुलकर आयेगा जलन और कब्ज ठीक होगी। शीघ्रपतन दूर होगा। 

मधुमेंह:  ताजे आँवलों के रस में शहद मिलाकर पीने से मधुमेंह ठीक हो जाता है।


कब्ज:  रात को एक चम्मच पिसा हुआ आँवला पानी या दूध से लेने से सुबह दस्त साफ़ आता है, कब्ज नहीं रहता है।


पाचन - शक्तिवर्धक:  पिसा हुआ आँवला एक चमम्च , दो चममच शहद में मिलाकर चाटें, ऊपर से दूध पीयें। इससें सदा स्वास्थय अच्छा रहता है। दिनभर प्रसन्नता का अनुभव होता है। जब ताजा आँवले मिलते हों तो प्रात: आधा कप आँवले के रस में दो चम्मच शहद आधा कप पानी मिला कर पीयें। ऊपर से दूध पीयें। इससे थके हुए ज्ञान - तंतुओं को उत्तम पोषण मिलता है। कुछ ही दिन नित्य पीने पर शरीर में नई शक्ति और चेतना आयेगी जीवन में योवन की बहार आयेगी। 


स्मरणशक्ति बढाना:  स्मरणशक्ति बढानें के लिए नित्य प्रात: आँवले का मुरब्बा खायें।


नेत्र शक्तिवर्धक :  आँवले के सेवन से आँख़ो की द्र्ष्टि बढती है। पाव भर पानी में 6 ग्राम सूख़ा आँवला रात को भिगो दें। प्रात: इस पानी को छानकर आँखे धोयें। इससे आँखो के सब रोग दूर होते हैं और द्र्ष्टि बढ़ती है। सूखे आँवले के चूर्ण की एक चाय की चम्मच की फ़न्की रात को पानी से लें।


ह्र्दय एवं मस्तिष्क की निर्बलता :  आधा भोजन करने के बाद हरे आँवलो का रस 35 ग्राम पानी में मिलाकर पी लें, फ़िर आधा भोजन करें। इस प्रकार 21 दिन सेवन करने से ह्रदय तथा मस्तिष्क सम्बन्धी दुर्बलता दूर होकर स्वास्थय सुधर जाता है। 


ह्रद्य रोग:  पिसा हुआ आँवला गाय के दूध के साथ पीने से ह्रद्य के सारे रोग दूर हो जाते हैं।


बाल गिरना:  सूखे आँवले को रात को भिगों दें। प्रात: इस पानी से सिर धोये। इससे बालों कि जड़े मजबूत होती हैं; बालों की प्राकतिक सुन्दरता बढ़ती है। फ़रास जमना ठीक हो जाता है। मस्तिष्क और नेत्र को लाभ पहुँचता है। मेंहदी और सूखा आँवला पीसकर पानी में गूँद कर लगाने से बाल काले हो जाते है।


सौन्दर्यवर्धक :  पिसा हुआ आँवला उबटन की तरह मलने से चर्म साफ़ और मुलायम रहती है। तथा चर्म रोग नही होते। 


चक्कर आना :  गर्मियों में चक्कर आते हों, जी घबरता हो तो आँवले का शर्बत पीयें। 


दाँत में कीड़ा :  दाँत में कीड़ा लगा हो, दर्द हो तो आँवले के रस में जरा कपूर मिला कर दाँत पर लगायें। दर्द दूर हो जायेगा । 

ग़ठिया :  एक गिलास पानी में 25 ग्राम सूखे आँवले, 50 ग्राम गुड़ डाक कर उबालें। चोथाई पानी रहने पर इसे छानकर दो बार नित्य पिलायें। इस अवधि में बिना नमक की रोटी तथा मूँग की दाल में सैंदा नमक, काली मिर्च डालकर खायें और हवा से बचें।